हाल ही में भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले दो मैचों में निराशाजनक प्रदर्शन किया, जिससे उन्हें 0-2 की अजेय बढ़त के साथ हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने भारतीय क्रिकेट को एकबार फिर से चर्चा में ला दिया है और खिलाड़ियों को, खासकर कप्तान रोहित शर्मा पर सवाल उठने लगे हैं।
टीम की हार का कारण
भारत को पहले टेस्ट में न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से हराया जबकि दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम 113 रनों से हार गई। इस दौरान कई प्रमुख खिलाड़ी जैसे रोहित शर्मा और विराट कोहली अपनी पिछली फॉर्म में नहीं दिखे और दोनों मैचों में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। इस हार ने ना केवल टीम के प्रशंसकों को बल्कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भी चिंतित कर दिया है।
बीसीसीआई की प्रतिक्रिया
बीसीसीआई ने हार के बाद तुरंत एक्शन लेते हुए सभी खिलाड़ियों को ट्रेनिंग सेशंस में हिस्सा लेने का निर्देश दिया है। भारतीय क्रिकेट की इस दिक्कत के बाद बोर्ड ने एक नई नीति बनाई है जिसके तहत सभी खिलाड़ियों को 30 और 31 अक्टूबर को होने वाले ट्रेनिंग सेशंस में भाग लेना अनिवार्य होगा। दिलचस्प बात यह है कि दिवाली के दिन भी खिलाड़ियों को ट्रेनिंग करनी होगी जिसका मतलब है कि उन्हें इस त्योहार पर भी अपने खेल पर ध्यान देना होगा।
खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य ट्रेनिंग
रिपोर्ट्स के मुताबिक सभी खिलाड़ियों विराट, रोहित और जसप्रीत बुमराह को बिना किसी छूट के ट्रेनिंग सेशंस में शामिल होना होगा। इससे पहले कई खिलाड़ियों को ट्रेनिंग सेशंस में छूट मिलती थी लेकिन अब बोर्ड ने सख्ती से कहा है कि सभी को अनुशासन के तहत रहना होगा। यह कदम इस बात का संकेत है कि बीसीसीआई अब किसी भी प्रकार की ढिल बर्दाश्त नहीं करेगा।
पुणे टेस्ट के बाद ब्रेक
पुणे टेस्ट में हार के बाद बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को दो दिन का ब्रेक दिया था। इस ब्रेक के दौरान अधिकांश खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ मुंबई पहुंच चुके हैं। कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली वर्तमान में अपने परिवार के साथ हैं लेकिन उम्मीद की जा रही है कि वे जल्द ही टीम से जुड़ जाएंगे।
तीसरा और आखिरी टेस्ट
भारत और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट सीरीज का तीसरा और अंतिम मैच 1 नवंबर को मुंबई में खेला जाएगा। मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम भारत के लिए एक फेवरेबल स्थान रहा है जहां उन्होंने 26 टेस्ट खेले हैं। इनमें से भारत ने 12 टेस्ट जीते हैं और 7 में हार का सामना किया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारतीय टीम इस कठिन परिस्थिति में वापसी कर पाएगी।
टीम की उम्मीदें
इस समय भारतीय क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों की निगाहें इस अंतिम टेस्ट मैच पर हैं। उम्मीद है कि भारतीय टीम इस हार से सीखते हुए नई ऊर्जा और उत्साह के साथ मैदान में उतरेगी। खिलाड़ियों को अपनी गलतियों पर काम करने का मौका मिलेगा और वे खुद को साबित करने की कोशिश करेंगे।
उत्साह का माहौल
टीम के सपोर्ट स्टाफ और प्रबंधन की कोशिश होगी कि खिलाड़ी मानसिक रूप से भी मजबूत रहें। दिवाली के त्योहार के समय जब हर कोई अपने परिवार के साथ होता है, ऐसे में खिलाड़ियों के लिए इस समय को ट्रेनिंग में लगाना एक चुनौती होगी लेकिन यह उनके खेल के प्रति प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है।
फैंस की उम्मीदें
भारतीय क्रिकेट फैंस इस समय निराश हैं लेकिन वे टीम से उम्मीद करते हैं कि वे इस हार को पीछे छोड़ते हुए शानदार वापसी करें। मुंबई टेस्ट में भारतीय टीम को अपनी कड़ी मेहनत और बेहतर रणनीति के साथ खेलना होगा। यदि वे सही दिशा में कदम बढ़ाते हैं तो निश्चित रूप से वे सीरीज में सम्मानजनक वापसी कर सकते हैं।